बिहार राज्य फसल सहायता योजना, बिहार सरकार द्वारा किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले फसल नुकसान की भरपाई हेतु प्रारंभ की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी, इस योजना के तहत किसानो को ₹10,000 आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे आपदा के समय में भी आत्मनिर्भर बने रहें। यह योजना किसानों की आय में स्थिरता लाने और कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
योजना से related लाभ, आवेदन प्रक्रिया, आर्थिक सहायता वितरण आदि के बारे में आपको इस लेख में बताया जाएगा।
बिहार राज्य फसल योजना Overview
योजना का नाम | Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana 2025 |
राज्य | बिहार |
लाभार्थी | बिहार के किसानो को |
विभाग | बिहार सहकारिता विभाग |
लाभ | ₹7,500/- से ₹10,000/- प्रति हेक्टेयर |
आवेदन प्रक्रिया | online |
वर्ष | 2024-25 |
आधिकारिक site | esahkari.bihar.gov.in |
नोडल विभाग | कृषि विभाग, बिहार सरकार |
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana का उदेश्य
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का उद्देश्य न केवल किसानों की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है, बल्कि उन्हें भविष्य की आपदाओं के लिए तैयार रहने की क्षमता भी प्रदान करना है। यह योजना अपने उद्देश्य में Jharkhand Rajya Fasal Rahat Yojana के समान है, जो झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही है और किसानों को प्राकृतिक आपदाओं में हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए राहत राशि प्रदान करती है।
योजना से जुड़े कुछ मुख्य उदेश्य इस प्रकार है:
- प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि आदि से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- परंपरागत फसल बीमा प्रणाली की जटिलताओं से मुक्ति दिलाकर सरल व पारदर्शी सहायता प्रणाली उपलब्ध कराना।
- किसानों को ऋण चुकाने और पुनः खेती करने योग्य बनाना।
- कृषि कार्य में किसानों का विश्वास बनाए रखना और आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकना।
- कृषि क्षेत्र को जोखिम से मुक्त बनाकर राज्य के आर्थिक विकास में सहयोग करना।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना की विशेषताएं
- इसमें किसानों की भागीदारी स्वैच्छिक होती है।
- सरकार सीधे लाभार्थियों को सहायता देती है।
- फसल क्षति 20% से अधिक लेकिन 50% से कम: ₹7,500 प्रति हेक्टेयर।
- फसल क्षति 50% से अधिक: ₹10,000 प्रति हेक्टेयर।
- सहायता राशि सीधे किसानों के खाते में जाती है।
- बिहार का कोई भी किसान, जो निर्धारित फसलें उगाता है और रजिस्ट्रेशन करता है।
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana पात्रता मानदंड
बिहार फसल सहायता योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड आवश्यक हैं:
- आवेदक बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आवेदक को कृषि कार्य में संलग्न होना चाहिए, चाहे वह रैयत (भूमि स्वामी), गैर-रैयत (भूमिहीन किसान), या आंशिक रैयत और गैर-रैयत (मिश्रित) हो।
- किसान के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए, और अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि पर ही सहायता राशि का लाभ लिया जा सकता है।
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक की फसल का पंजीकरण योजना के तहत होना चाहिए।
- फसल में न्यूनतम 20% क्षति का प्रमाण होना चाहिए।
फसल सहायता योजना बिहार जरूरी दस्तावेज
बिहार राज्य फसल सहायता योजना में आवेदन करने हेतु लगने वाले जरूरी दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक आधार से लिंक
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
- स्व-घोषणा प्रमाण पत्र (गैर-रैयत किसानों के लिए)
- कृषि भूमि की राजस्व रसीद (31 मार्च 2022 के बाद की)
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana – खरीफ और रबी फसलों के अंतर
इस चार्ट से स्पष्ट है कि खरीफ और रबी फसलों के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं, जिनका ध्यान रखते हुए बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान की स्थिति में सहायता प्रदान की जाती है। योजना का उद्देश्य दोनों मौसमों में किसानों को सुरक्षित रखना और उनकी आर्थिक स्थिति को बनाए रखना है। बिहार राज्य फसल सहायता योजना में खरीफ और रबी फसलों के अंतर को समझाने के लिए नीचे एक चार्ट दिया गया है।
विशेषता | खरीफ फसल (Kharif Crop) | रबी फसल (Rabi Crop) |
बुवाई का समय | मानसून की शुरुआत (जून-जुलाई) | सर्दियों की शुरुआत (अक्टूबर-नवंबर) |
कटाई का समय | शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) | गर्मियों की शुरुआत (मार्च-अप्रैल) |
उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें | धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, सोयाबीन, मूंगफली | गेहूं, चना, सरसों, जौ, मटर |
पानी की आवश्यकता | अधिक (ज्यादा बारिश की जरूरत होती है) | कम (कम बारिश या सिंचाई की जरूरत होती है) |
प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव | बाढ़, अत्यधिक बारिश, सूखा | ठंड, पाला, ओलावृष्टि |
फसल अवधि | लगभग 3-4 महीने | लगभग 4-5 महीने |
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत सहायता | खरीफ फसल के नुकसान की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है | रबी फसल के नुकसान की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है |
उपलब्धता | बिहार राज्य में मानसून के दौरान प्रमुख रूप से उगाई जाती है | बिहार राज्य में सर्दियों के मौसम में प्रमुख रूप से उगाई जाती है |
कृषि क्षेत्र का प्रभाव | खरीफ फसलों के नुकसान से किसानों को तत्काल आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनकी आजीविका पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। | रबी फसलों के नुकसान से किसानों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन यह उन्हें अगली बुवाई के लिए तैयार रहने में मदद करती है। |
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana Apply Online – आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले योजना की अधिकारिक वेबसाइट esahkari.bihar.gov.in पर जाएं।
- होमपेज पर “किसान कॉर्नर” सेक्शन में जाएं।
- “रबी फसल सहायता योजना 2025” के आवेदन लिंक पर क्लिक करें।
- अपना किसान पंजीकरण नंबर दर्ज कर सर्च करें।
- अब आवेदन फॉर्म खुल जाएगा – सभी जानकारी सही-सही भरें।
- मांगे गए दस्तावेज और शपथ पत्र अपलोड करें।
- सुरक्षित बटन पर क्लिक कर OTP सत्यापन करें।
- फाइनल सबमिट करें और एप्लीकेशन स्लिप डाउनलोड कर लें।
मुआवजा योग्य घोषित फसल
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana के तहत रबी फसलों को मुआवजा मिलने की सूचि:
ईख (गन्ना) | 22 जिलों में |
आलू व प्याज | 15 जिलों में |
गेहूं | राज्य के सभी 38 जिलों में |
टमाटर, बैंगन, मिर्च व गोभी | 10 से 12 जिलों में |
मक्का | 31 जिलों में |
चना, अरहर, राई-सरसों, मसूर | 17, 16, 37 और 34 जिलों में |
योजना से जुड़े अन्य सवाल (FAQ)
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana में आवेदन करने की अंतिम तिथि कब है?
बिहार राज्य फसल सहायता योजना में आवेदन के लिए अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 थी। लेकिन योजना आवेदन की प्रक्रिया समय समय पर खोल दी जाती है जल्द ही आधिकारिक साइट पे आपको सुचना मिल जाएगी।
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana का स्टेटस कैसे चेक करें?
Fasal Sahayata Yojana Bihar का स्टेटस dbtagriculture.bihar.gov.in पर “आवेदन की स्थिति” विकल्प से जांचें।